Monday, March 9, 2020

मातृशोकक रिहर्सल !

       । मातृशोकक रिहर्सल।

बैसले-बैसल एक टा नवोदित राजनेता के फेसबुक पर अकस्मात हिन्दी अंग्रेज़ी मैथिली मे दनादन मातृशोकक संदेश आब' लगलनि। पढ़लनि -...परम पुण्यात्मा माता जीक निधनक समाचार पढ़ि क' हमर हृदय विदीर्ण भ' गेल। ओ परम पुण्यात्मा छलीह। नमन !

… तत्काल तं हुनका एकर अंदाजे ने लगलनि। ओ साकांक्ष भेलाह।एना भ' किएक रहल अछि...?कि तावते मे नानी गाम सं फोन अयलनि- 

-पीसी मां के ई कोना भ' गेलनि ? दिल्ली मे एम्स सन अस्पताल रहैत पर्यंत अहां हुनकर इलाज नहि करा सकलिअनि ! 

हुनका यावत ओ किछु कहथिन तावत ओम्हर सं कहि चुकलथिन।मन उद्विग्न छलनिहें अओर तामस उठि गेलनि। जोर सं कहलथिन-                                        'अरे की कहि रहल छी अहां ककर इलाज?'

-अर्थात् शंभू झा ? अपने अहां फेसबुक पर समाचारो लिखलियैक अछि आ अपने…

-रुकू हम फोन करै छी' । कहैत ममियौतक फोन कटलनि आ अपन फेसबुक आरंभ पृष्ठ ‌खोललनि। पहिले वाक्य पढ़ि क' जोरसं अपन कप्पार पिटलनि -हे दैव ! कप्पार नीक जकां ठोकिते रहथि कि चेन्नई सं एक टा पितयौतक शोकाकुल फ़ोन अयलनि-'हेलो ! 

-शंभू छी ?'

-'परसूए दिल्ली गेलीहय आ अचानक की भ' गेलनि काकी के?'                          -अरे ककरो किच्छु ने भेलैए राजकांत भाय…! पहिले हमर बात तं सुनू.. हौ ए, काकी मनसा घर मे अपन दूं संतान माय अपटु पुतहु कें फज्झति क' रहल छथि जे घाठि में तिलकोर तरैक उद्योग मे छलथिन ।आब मिक्सी मे पिठार पीसि अपने सं तिलकोरा तरि रहल छथि।गप करब मां सं?' ओम्हर सं भाय ठहक्का मारलनि।

-मुदा एना ई मेल …? कोना भेल?'      

कोनो फेसबुक मित्रक मातृशोकक सूचना पढ़ैत काल जानि ने की भ’ गेलै…

-'ख़ैर,तथापि एक टा फ़ैदा तं भेल,बुझाइ-ए।

-'से की ?'

-मातृशोकक रिहर्सल भ' गेल आ शोकातुर स्नेही-संबंधीके अपन आभार प्रकट करबाक चिट्ठीक पहिल ड्राफ्ट करबाक प्रैक्टिस बुझू।आब तं सभटा सामाजिक शिष्टाचारो तं भाव सं बेबी नाटके भ' गेलय। आ नाटकक सफलता तं जेहन रिहर्सल तेहन सफल।

अहीं कहूं।आब एहि पर हम अपन कपार पीटू कि सर संबंधीक? 

                गंगेश गुंजन

            (उचितवक्ता डेस्क)...


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