Friday, March 20, 2020

काव्य मे कबीर-तत्त्व

         काव्य मे कबीर-तत्त्व

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जाहि काव्य मे जतेक कबीर तत्त्व अभिव्यंजित होइत अछि,समाज जीवन मे ओ कवि ओतेबे कालजयी होइत छथि। हमरा लगैए जे ई तत्त्व रहैत तं छनि सभ कवि मे मुदा एके रंग प्रबल प्रतिबद्ध नहि। तें संबंधित कविक काव्य-आयु सेहो रचना मे अपना-अपना कबीर तत्वक निर्वाहक गुणक अनुपाते में रहैत छनि।                             यद्यपि ई कविताक कोनो नियम नहि भेल।

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                     गंगेश गुंजन                                      [उउचितवक्ता डेस्क]

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