चमन को मंज़िले अव्वल* बनाने पर हैं आमादा। मगर हम मुतमइन हैं नहीं होने देंगे यह गुलशन। 🌺🌺
गंगेश गुंजन 🌿🌿 [उचितवक्ता डेस्क] * क़ब्र,श्मशान ।
No comments:
Post a Comment