।भाषा आ राजनीतिक भाषा।
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कोनो राजनीति,भाषाक काज मात्र ओतबे करैत छैक यतबा लगक स्टेशन वा बस अड्डा पहुंचाबै धरि कोनो रिक्शा- तांगा-टमटम ! भाषाक घ'र डेबैत छैक बजनिहार लोक आ सभ समयक कविए-लेखक।
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(उचितवक्ता डेस्क)
गंगेश गुंजन।२२.७.'१९.
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