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कौशल,दक्षता और अवसर के बिना मेधा-प्रतिभा और बुद्धिमत्ता सभी, बिना इंजन की प्रतीक्षामें किसी यार्ड के खड़े रेल-डिब्बों के समान हैं। 🌿🌸🌿 (उचितवक्ता डेस्क) गंगेश गुंजन
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