Tuesday, May 6, 2025

अभिशापित जो हम

हम अक्सर वह दुःख सहने को अभिशापित रहते हैं 
जिसमें दूर-दूर तक अपना कोई दोष नहीं रहता है।
▪️ 
गंगेश गुंजन 
#उवडे.

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