📕। दिलचस्प हैं ख़ान सर,
. बोले कि ‘प्रेम शब्द ही जब अधूरा है तो ‘प्रेम’ पूरा कैसे हो सकता है। प्रेम भी अधूरा है।'
‘सऽर,सृष्टि ने मुझे जो बनाकर भेजा है। उसे ही पूरा बनाने के लिए तो। प्रेम को मनुष्य ज़रूर संपूर्ण बनायेगा सर।’
किसी एकलव्य छात्र ने ख़ान सर को छूटते ही फेसबुक पर कहा।
😄 गंगेश गुंजन #उचितवक्ताडेस्क।
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