🕊️। उतर गया अपने मयार से मैं ख़ुद ही ये ध्यान हुआ,
ऐसे में दुश्वार हो कहीं हम तक दोस्त का आ सकना।
🍂🍂 गंगेश गुंजन #उचितवक्ताडेस्क
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment