Saturday, December 30, 2023

...बदले नहीं तो जी लिए...

                     ⚡
  वक़्त और हालात से घबरा गये
तो जी लिए
  यार के व्यवहार से उकता गये तो
जी लिए।

  बदलना आदत है क़ुदरत की वो
बदलेगी अभी
  तुम भी जो उसकी तरह बदले
नहीं तो जी लिए।

  कौन है जो यह समझता है नहीं
ख़ुद को ख़ुदा
  रह गये इन्सान यूँ ही उम्र भर तो
जी लिए।

  काट दी जाए ज़ुबांँ और बोलना
हो लाज़िमी
  वक़्त पर चीख़े नहीं जो जिस्म से           तो जी लिए।

  रूठना फिर मनाना फिर रूठ
जाना यार का
  भूल से भी जो लगाया दिल से
फिर तो जी लिए।

  बहुत कुछ बदले हुए इस दौर में
वक़्ते मिज़ाज
  इन्क़लाबी तरबिअत बदली नहीं
तो जी लिए।
                             💥 

                      गंगेश गुंजन 
                  #उचितवक्ताडेस्क।

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