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सब के हम स्वामी बन जाएँ कर लें सब अपने ही अधीन
इस जुनून में दुनिया भर ही ठना रहा युद्ध सब दिन।
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है यहाँ ये वो वहाँ सहमा हुआ
हाय मेरे वक़्त को ये क्या हुआ।
ख़ौफ़ का आलम कहाँ से कहांँ तक
दिख नहीं पाये मगर फैला हुआ।
•🌓• गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क।
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