Saturday, November 9, 2019

सांसों का किराया देकर...

सांसों का किराया चुका कर रहते हैं हम इसमें।

ज़िन्दगी सृष्टि ने दी तुम्हारा एहसान क्या ख़ुदा।


गंगेश गुंजन।(उचितवक्ता डेस्क)

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