Monday, November 4, 2019

फूलों का डर !

पतझड़ से उतना डर नहीं लगता फूलों को।

उत्सव,बुके,नेता,माला से रहते हैं तबाह।

💐💐

गंगेश गुंजन।(उचितवक्ता डेस्क)

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