Wednesday, November 29, 2017

शे-एर

हल्कान था जी यूं ही सुलूके समाज से
उसनेे भी आज लिख दिया आभार,या ख़ुदा !
*
-गंगेश गुंजन
३० नवंबर,२०१७ ई.

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