🍂
ज़िन्दगी रात भर है
इक मुलाक़ात भर है
प्यार के मौसम की
हिज्रे सौग़ात भर है
असल तो दिन न रहे
बस ख़यालात भर है
रात अब जुगनू की
कोई बारात भर है
चाहिए पैसा-रुपया
पास जज़्बात भर है
🍂
गंगेश गुंजन
No comments:
Post a Comment