Saturday, December 8, 2018

सही मन से लिखा

सही मन से लिखा !

सही मनसे लिखी गई या की गई टिप्पणी आपके मन के विरुद्ध भी है तो आप को प्रभावित करती है। यह आज भी सच है कि आप उस से अभिभूत हुए बिना नहीं रह सकते।
कहना यह चाहता हूं Facebook पर कई ऐसी टिप्पणी आती है जो उस लेखक की ईमानदारी और सदाशयता की,विवेक से भरी हुई टिप्पणियां लगती हैं। कई बार विचार आता है जो आपके अनुकूल नहीं होने पर भी प्रभावित करता है और यह विशेष बात लगती है।
   युवतर पीढ़ी में यह गुण मुझे कुछ अधिक देखार लगता है। इसका स्वागत होना चाहिए।स्वागत हो भी रहा है। कभी लिखा था कि भाषा चुग़लख़ोर होती है। चुग़ली करती है। बेईमान लेखन इसका जल्द और ज्यादा शिकार होते हैं।भाषा भी आईना है !
-गंगेश गुंजन।

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