Tuesday, August 4, 2020

इस उम्र में अब


अब इसे रक्खें कहाँ पर इतने छोटे ऐसे घर में    लौटी है अब जवान होकर बचपन में खो गयी खुशी।   

           गंगेश गुंजन # उचितवक्ता डेस्क।

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