* बहुत आवेश में है मेरा साथी बड़े आक्रोश में है गांव सारा कहीं जो सुलग उठ्ठा प्रेम मेरा ख़ाक़ हो जाएगा गुलशन तुम्हारा। * गंगेश गुंजन (गांव में )
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