Tuesday, April 13, 2021

काल्हि खन चू्ल्हिक छुट्टी रहतै

            काल्हि चूल्हिक छुट्टी रहतै !

तें अनमन माय जकाँ बड़ी-भात,दलिपूड़ी-दलिपिठ्ठी इत्यादि सब टा विन्यास चूल्हि आइए रान्हि क' ध' जयतैक जे सन्तान भुखले ने रहय काल्हि। छुट्टी मे एक दिन लय नैहर सँ भ' आओत ! मुदा चूल्हिक कें आब नैहर छैक कि नहिं ? ओकर नैहर कोन गाम छैक? 

सवाल अछि जे,                                          जाहि संस्कृतिक गाम मे चूल्हि के पर्यंत एक दिन  विश्राम देबाक मनुक्खधर्मा अवधारणा ओ एतेक प्राचीन प्रथा-परम्परा छैक ताहि संस्कृतिक एहन पराभव कोना भ' गेल?के होअऽ देलकै ई पराभव ?

छुच्छे कोरोना काल कें दोष दै जयबैक ?

                      गंगेश गुंजन

                  #उचितवक्ताडेस्क।


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