सामाजिक वास्तविकता और लेखक
समाज की वास्तविकता को छोटा-बड़ा करना लेखक-कलाकार की दृष्टि,इच्छा- शक्ति और कौशल पर है।ये तीनों हर हाल लेखक की नीयत से संचालित होती हैं।उसी तरह जैसे कोई फोटो ग्राफर फोटो रंंगीन या श्वेत-श्याम करते हैं अथवा निगेटिव-पाजिटिव और एनलार्ज करते हैं।
गंगेश गुंजन
# उचितवक्ता डेस्क।
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