🕸️🌈🕸️ उनके कौशल !
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सत्ता के सभी शत्रु मार दिए जाने लायक़ ही नहीं होते। शासन की समझ और दृष्टि बहुत पैनी होती है।उसे ज्यादा मालूम है कि किस विरोध की सिर्फ़ एक टांँग तोड़ देने पर, किसकी एक आंँख भर फोड़ देने से या किसके कान बन्द कर देने पर ही अथवा सी बी आई जुमला भर उछाल देने से भू लुंठित हो जाएगा और दिमाग़ी तौर पर व्यवस्थित रूप में मर जाएगा और सरकारी समारोहों का ताली वादक कलाकार हो जाएगा।
💢 गंगेश गुंजन #उचितवक्ताडेस्क.
Saturday, October 4, 2025
उनका कौशल
Wednesday, September 17, 2025
'आवश्यकता'
‘आवश्यकता’
'आवश्यकता की परिभाषा अगर अर्थशास्त्र के अध्ययन के हवाले नहीं हई होती तो कदाचित इस मानव-समाज,दुनिया और कार्ल मार्क्स के महान् सिद्धांत का निष्कर्ष और नक्शा कुछ और ही होता।
असल में तो मनुष्य की आवश्यकताओं का अध्ययन ‘मानव शरीर-शास्त्र’ का विषय बनना चाहिए था !
गंगेश‘आवश्यकता’
आवश्यकताओं की परिभाषा अगर अर्थशास्त्र के अध्ययन के हवाले नहीं हई होती तो कदाचित इस मानव-समाज,दुनिया और कार्ल मार्क्स के महान् सिद्धांत का निष्कर्ष और नक्शा कुछ और ही होता।
असल में तो मनुष्य की आवश्यकताओं का अध्ययन ‘मानव शरीर-शास्त्र’ का विषय बनना चाहिए था !
गंगेश गुंजन.
#उचितवक्ताडेस्क.
Tuesday, September 16, 2025
इन्फ्रास्ट्रक्चर
Monday, September 15, 2025
Sunday, August 31, 2025
घुटने
🌀 घुटने ...
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बेकारी में यही तो ठहरा सहारा : यूट्यूब पर फिरता रहता है यह -बेचारा !
पिछले कई दिनों से कुछ भद्रजन एंकर चैनेलों पर कितने ही आवाज़-ओ- अंदाज़ में उद्घोष कर रहे हैं “घुटनों पर आ गया अमेरिका !' मुझ जैसे बहुत से इंतज़ार किये जा रहे हैं कि देखें आख़िर घुटनों पर आया अमेरिका कैसा लगता है ? आज सुबह तक भी नहीं देखा कि घुटनों पर आया।
तो आख़िर वह श्रीकृष्ण का कैसा विराट
विश्वरूपाकार है कि महज़ घुटने पर आने में
उसे इतने दिन लग रहे हैं ?
कब आ रहा है अपने घुटनो पर -अमेरिका !
आ जाए तो कोई साथी मुझे बता दीजिएगा कृपया। आजकल तन्द्रा में बहुत रहने लगा हूँ।
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[ यह कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं। एक वरिष्ठ बेरोजगार नागरिक की उत्सुक जिज्ञासा भर है।]। गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क.
Saturday, August 30, 2025
प्रेम एक आदत भर
बोलचाल में जिसे हम प्रेम कहते हैं वह मनुष्य की एक आदत भर है।
गंगेश गुंजन #उचितवक्ताडे.