❄️ फ़ेसबुक पर फ्रस्ट्रेशन ! ▪️
आए दिन आप भी फेसबुक पर पढ़ते ही होंगे-कितने ही लेखक,कवि या आलोचक विद्वान विचारक साहेब लोग लिखते ही रहते हैं :
‘आज ही शाम मुझे फलांँ शहर के लिए निकलना है…!’
‘कल सुबह अमुक जगह के लिए मेरा प्लेन-ट्रेन है तो अमुक तारीख को अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन से लेकर अनन्त सेमिनारों तक के लिए !
मैं सोच मे पड़ता हूंँ कि आख़िर इनका इतना निकलना कैसे सम्भव हो जाता है ?
जैसे ही मैंने अपनी यह उत्सुक भावना
कही तो मेरे धन्य परम मित्र समाधान प्रसाद जी छूटते ही बोले-
‘यह आपका फ्रस्ट्रेशन है।’
तब से सोच ही रहा हूँ।
🌀 गंगेश गुंजन
#उचितवक्ताडेस्क।